भारत की पहली ट्रक ड्राइवर बनी योगिता रघुवंशी, जानिए उन्होंने कैसे चुनौतियों का सामना करके अपनी मंजिल को हासिल किया.
कार चलाती, हवाई जहाज उड़ाती महिलाएं कितनी कूल लगती हैं ना! लेकिन जब यही महिला कोई ट्रक चलाती दिख जाए तो आपका रिएक्शन क्या होगा? यकीनन थोड़ा हतप्रभ रह जायेंगे कि एक महिला ट्रक ड्राइवर। जी हां हम जिस महिला की बात कर रहे है, उस महिला का नाम है योगिता रघुवंशी की, जो भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर हैं।
वैसे तो योगिता हमारे देश की क्वालिफाइड वकील बनकर रूतबा हासिल कर सकतीं थीं, पर उन्होंने चुनी कभी ना रूकने वाले सफर की राह। वो राह जहां केवल पुरूष चलते हैं.. वो राह जो खतरों और जोखिमों से भरी है… वो राह जहां महिलाओं के जाने पर उनके चरित्र तक पर लांछन लगा दिए जाते हैं। तो आइये जानते है योगिता की जिंदगी के अनकहे किस्से।
क्वालिफाइड वकील क्यों बनीं ट्रक ड्राइवर?

ट्रक चलाना जोखिमों से भरा एक काम होता है क्योंकि काम का वातावरण कुछ खास आरामदायक नहीं होता। इस काम में बहुत कम महिला ड्राइवर्स हैं, और यहां मुख्यतः मर्दों का ही दबदबा रहता है। लेकिन इस बात को झुठला रही हैं भोपाल की ट्रक ड्राइवर योगिता रघुवंशी। जो भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर के रूप में जानी जाती हैं।
योगिता की जिंदगी यूं तो आम भारतीय महिलाओं की तरह ही थी। चार भाई-बहनों के साथ महाराष्ट्र के नंदुरबार पली-बढ़ी, कॉमर्स और लॉ में डिग्री हासिल की। जिसके बाद घरवालों ने लड़का देखना सुरु कर दिया, और फिर योगिता की शादी एक अच्छे बकील के साथ कर दी। इसके बाद योगिता को पति का साथ मिला और उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।
इसी बीच वे मां बनी, दो नन्हें बच्चे हुए याशिका और यशविन। योगिता की जिंदगी में सबकुछ अच्छा ही अच्छा हो रहा था। एक प्यार करने बाला अच्छा पति, साथ में जिंदगी की डोर दो प्यारे बच्चो के साथ जिंदगी खुशहाल बीत रही थी। तभी जिंदगी में एक अनचाहा हादसा हुआ, जिसने योगिता की जिंदगी एकदम पलट कर रख दी।
एक हादसे ने बदल दी जिंदगी!

जब तक योगिता की पढ़ाई पूरी हुई और वे कोर्ट की चौखट तक पहुंचती, उनके पति का आकस्मिक देहांत हो गया। पति की मौत के बाद मानो योगिता पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा। दो बच्चो की जिम्मेदारी, परिवार का खर्च…लेकिन कमाई का कोई और साधन नहीं। सीमित संपत्ति.. और पूरा जीवन! योगिता के सामने ऐसे कई सवाल आकर खड़े हो गए।
लेकिन योगिता ने हिम्मत नहीं हारी, और खुद को सम्हाला और अपनी पढ़ाई का फायदा उठाते हुए वकील के पेशे में उतर गईं। लेकिन बकालत और अदालत में उतरकर जल्द कामयाब होना इतना आसान नहीं था, पूरे साल भर में योगिता को मुश्किल से एक पिटीशन मिली। ऐसे में गुजारा कैसे होता? अगर केस नहीं तो आय नहीं, आय नहीं तो बच्चों की परवरिश कैसे करती?
जरूरतों ने बनाया ट्रक ड्राइवर!
योगिता कहती हैं, ‘पति पेशे से वकील थे, पर साइड में वो ट्रांसपोर्ट का काम करते थे। ऐसे में योगिता ने बकालत छोड़ ट्रांसपोर्ट का बिजनेस संभालने का फैसला लिया, जब योगिता ट्रांसपोर्ट के काम में उतरीं, तब उनके पास 3 ट्रक थे। वे ऑफिस में बैठकर काम करती थीं, ड्राइवर माल ढोने का काम करते थे। पर तभी एक और हादसा हुआ।
बिजनेस चलाने के लिए एक ड्राइवर और एक हेल्पर को रखा। लेकिन 6 महीने के अन्दर ही मेरा ड्राईवर भाग गया। क्यूंकि उसने हैदराबाद के पास ट्रक को एक खेत में घुसा दिया था। आनन—फानन में योगिता हैदराबाद पहुंची, ट्रक रिपेयर करवाया और उसे लेकर भोपाल पहुंची।
योगिता रघुवंशी ने बताया कि:-
‘मुझे इस काम तक जरुरत लेकर आई। मेरी बेटी 8 साल की थी और बेटा 4 साल का जब मेरे पति एक सड़क हादसे में मारे गए। मुझे एहसास हुआ की उन्हें पढ़ाने के लिए मुझे काम करना होगा। मेरे पति एक वकील थे जो साथ ही ट्रांसपोर्ट का कारोबार भी चलाते थे।”
Meet Yogita Raghuvanshi, India's first female truck driver from #Bhopal! For the past 15 years, this single mother of two from Bhopal has travelled to nearly every corner of the country in her truck, bending all the unwritten rules of the road. [Source: @The_Hindu] pic.twitter.com/DUG4UZRfws
— Amit Panchal (@AmitHPanchal) April 14, 2019
ये वो पहला अनुभव था जब योगिता ने समझा कि उन्हें इस बिजनेस में टिकने के लिए खुद स्टेयरिंग संभालना होगा। इसके बाद योगिता ने ड्राइविंग सीखने का ठान लिया। और योगिता ने ट्रक ड्राइविंग का प्रशिक्षण लिया, फिर ड्राइवरों के साथ बैठकर अनुभव लिया और कुछ ही महीनों बाद वे खुद फुल टाइम ट्रक ड्राइवर बन गईं।
…और शुरू हो गया ट्रक ड्राइवर का सफर!

योगिता ने जिंदगी में आई कठनाईयो से हार नहीं मानी, अपने व अपने बच्चो के भविष्य के खातिर योगिता ने ट्रक का स्टयेरिंग थाम लिया। लेकिन यंहा भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई, ताने सुनें, जलील भी हुई, लोगों की बुरी नजरों का सामान भी किया पर योगिता का धैर्य नहीं टूटा।
योगिता कई कई रातें जाकर लंबे सफर तय करती हैं। इतना ही नहीं इस काम में कई बार पुरुष ड्राइवरों के साथ उनकी झड़प भी हुई। कुछ ने तो रास्ते में हमला तक कर दिया, पर वे डटी रहीं। योगिता बताती है कि:- जब मैं कुछ ऐसा सामान ले जा रही होती हूं जो जल्द खराब हो जायेंगे, तो मुझे रात भर ड्राइव करना पड़ता है। अगर मुझे नींद आती है, तो मैं फ्यूल पंप के पास ट्रक लगाकर एक छोटी सी झपकी ले लेती हूं।
“मैं एक पगड़ी पहनकर कॉलर ऊपर कर एक पुरुष जैसे चलती हूं, तब से जब खाना बनाने के दौरान हाईवे के किनारे 3 लोगों ने मुझपर हमला किया था, मैंने उन्हें भगा दिया। जब तक मदद आई, मैं चोटिल हो गयी थी, लेकिन मैंने उन्हें भी सबक सिखाया।”
This is touching and lovely.
— Swaroop Kaimal 🇮🇳 (@swaroopkaimal) April 2, 2021
Yogita Raghuvanshi. Lawyer, single mother, and India’s first woman truck-driver. 👏👏 pic.twitter.com/wH2bftvKNs
मीडिया को दिए साक्षात्कारों में योगिता बताती हैं कि आज ट्रक ड्राइविंग करते हुए 16 साल बीत गए लेकिन शुरू के 5 साल मुश्किल भरे थे। वे अपने अनुभव से कहती हैं कि जब भी कोई महिला ऐसा कोई काम करती है जहां केवल पुरूषों का अधिकार क्षेत्र रहा हो वहां चुनौतियां दोगुनी हो जाती हैं।
With over 350 guests, this was our biggest May Day event so far! India's first lady truck driver, Ms. Yogita Raghuvanshi (@yogitaraghuvan) was the Chief Guest and @sevakendracal officials attended the event too. Here are some event pics. Visit our website to view all pictures! pic.twitter.com/TXLxXjq2hI
— Allied ICD Services Ltd. (@AlliedICD) May 10, 2019
बाकई इंडिया के सड़कों पर ट्रक चलाना बिल्कुल भी आसान काम नहीं है। योगिता रघुवंशी जैसी स्त्री को ऐसा कर के लीक से हटकर चलते हुए देखना हम सभी के लिए प्रेरणा का एक स्त्रोत है।
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