हिमालयन सॉल्ट लैंप हिमालयन सॉल्ट क्रिस्टल के छोटे- छोटे टुकड़ों से बना होता है। इस लैंप में प्राकृतिक हिमालयन सॉल्ट के एक बड़े-से टुकड़े के बीच में बल्ब लगाकर लैंप तैयार किया जाता है।
हिमालयन सॉल्ट हिमालय की चट्टानों से मिलने वाला एक प्राकृतिक सॉल्ट (नमक) है, जो कई तरह के मिनरल से मिलकर बना होता है। यह खाने वाले सॉल्ट से बिल्कुल अलग होता है। इससे ही बनाया जाता है इलेक्ट्रॉनिक लैंप। इस लैंप को जलाने पर इससे पीली, गुलाबी और लाल रंग की रोशनी निकलती है। इससे घर के वास्तु पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है। इस लैंप के इस्तेमाल से हवा में निगेटिव आयन (ऋणात्मक आयन) फैलते रहते हैं। बहते हुए पानी, झरने, समुद्री लहरों, कड़कती हुई बिजली, सूर्य की रोशनी आदि में निगेटिव आयन होता है।
एक्सपर्ट भी मानते हैं कि हिमालयन सॉल्ट लैंप का इस्तेमाल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। आजकल होम इंटीरियर में हिमालयन सॉल्ट लैंप काफी प्रचलन में हैं। सॉल्ट लैंप के हेल्थ बेनेफिट्स को देखते हुए लोग अब इसे बतौर गिफ्ट भी देने लगे हैं। इसे नाइट लैंप की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं कि इस हिमालयन सॉल्ट लैंप के इस्तेमाल से हमें कौन-से हेल्थ बेनेफिट्स मिलते हैं-
घर के अंदर पॉल्यूशन लेवल घटाता है

हिमालयन सॉल्ट लैम्प घरों में प्रदूषण को कम करने में मदद करता है। यह हवा को साफ और शुद्ध करता है। यह वातावरण से दूषित पानी के अणुओं को अवशोषित करके उन्हें अपने क्रिस्टल सॉल्ट में लॉक कर देता है। इसके अलावा यह हवा में मौजूद सिगरेट के धुएं, धूल और अन्य प्रदूषकों को हटाकर हवा को सांस लेने लायक बनाता है।
एनर्जी लेवल बढ़ाता है

घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल, फैन, ओवन से पॉजिटिव आयन निकलते हैं। जिससे कई हेल्थ प्रॉब्लम्स होती हैं। साल्ट लैंप से निकलने वाले नेगेटिव आयन इन पॉजिटिव आयन को निष्क्रिय कर हमें बीमारियों से दूर रखते हैं। हवा में निगेटिव आयन होने के कारण दिमाग में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हम हमेशा एक्टिव रहते हैं। सॉल्ट लैंप पर किए गए कुछ स्टडीज के अनुसार इस लैंप से हवा में उत्पन्न नेगटिव आयन की वजह से लोगों ने खुद को ज्यादा एनर्जेटिक महसूस किया।
एकाग्रता बढ़ाने में असरदार

हिमालयन सॉल्ट लैंप से निकलने वाला निगेटिव आयन स्ट्रेस को दूर करने में मदद करता है और प्रदर्शन की क्षमता को बढ़ाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, निगेटिव आयन दिमाग में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई को बढ़ाने के साथ-साथ न्यूरोट्रांसमीटर में सेरोटोनिन हार्मोन को भी बढ़ाता है, जो हमारी एकाग्रता को बेहतर बनाता है।
अस्थमा से बचाव में सहायक

हिमालयन सॉल्ट लैंप हवा से धूल, दुर्गंध, फफूंद को फिल्टर करता है, जिससे अस्थमा और एलर्जी का खतरा कम होता है। इसे घर में रखने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और श्वसन संबंधी समस्याएं नहीं होती है।
सर्दी-जुकाम से करता है बचाव

हिमालयन सॉल्ट लैंप से निकलने वाले निगेटिव आयन हवा में मौजूद कई तरह के प्रदूषित तत्वों का खात्मा कर हमारे आसपास की हवा को शुद्ध करते हैं। जिससे हमारे फेफड़ों में इंफेक्शन का खतरा कम होता है और सर्दी-खांसी, छींक, गले में खराश और एलर्जी जैसी समस्याओं से बचाव होता है।
बेहतर नींद लाने में मददगार

ब्राइट लाइट में स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन देर से होता है, जिसके कारण नींद आने में परेशानी होती है। वहीं, हिमालयन सॉल्ट लैंप की डिम लाइट में मेलाटोनिन जल्दी प्रोड्यूस होता है जो नींद आने में मदद करता है। बेडरूम में रात को हिमालयन सॉल्ट लैंप जलाने से इसकी हल्की रोशनी से अच्छी और गहरी नींद आती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सॉल्ट लैंप की रोशनी में हीलिंग पावर होती है, जिससे तनाव और डिप्रेशन में काफी मदद मिलती है।
मूड फ्रेश कर माहौल बनाता है खुशनुमा

हिमालयन सॉल्ट लैंप मूड को रेगुलेट करने वाले केमिकल सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ाता है जिसके कारण मन खुशनुमा और तनाव दूर होता है। जिन लोगों को बहुत ज्यादा चिड़चिड़ाहट होती है, गुस्सा आता है या फिर मूड स्विंग होता है, उन लोगों के लिए भी हिमालयन सॉल्ट लैंप का इस्तेमाल काफी फायदेमंद है।
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