मध्यप्रदेश में इस अध्भुत और खूबसूरत स्थान पर जरूर जाये, अमरकंटक कभी भूल नहीं पायेंगे

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Travelplaces: कहते है जब भी किसी स्‍थान पर घूमने जाओ तो अच्छी तरह घूमना चाहिए। क्‍योंकि अच्छा बनकर ही किसी जगह को सही तरह से देखा जा सकता है। अच्छा बनकर घूमने में कही जाने कि, किसी स्‍थान को जल्‍दी देखने की या किसी भी प्रकार की जल्‍दबाजी नहीं होती है।

ऐसे में किसी भी स्‍थान की खूबसूरती तथा ऐतिहासिकता को जानने का मजा आराम से लिया जा सकता है। एक ऐसा प्‍लेस मध्‍प्रदेश में है, जो कि इतना खूबसूरत और हरियाली से भरा हुआ है कि यहॉं जाकर आप उत्तराखंड और हिमाचल की जगहो को भूल जाएंगे।

यह जगह सागौन, साल, शीशम तथा शिरीष के वृक्षो से घिरा हुआ है। चारो और ऊँचे पहाड़, और हरे भरे जंगल बस यही यहां दिखाई देता है। हम जिस जगह की बात कर रहे है वह मध्‍यप्रदेश तथा छत्‍तीसगढ़ के बॉर्डर पर है। इसे धार्मिक नगरी के नाम से भी जानते है।

यह जगह जिसकी हम बात कर रहे है उसका नाम अमरकंटक है। ज्‍यादातर लोग अमरकंटक हो मंदिरो और नर्मदा के उदृगम के तौर पर ही जानते है। लेकिन आपको बता दे कि अमरकंटक में वाटरफॉल, पहाड़ तथा इतनी हरियाली है, कि हर किसी की ऑंखे इसे देखकर मंत्रमुग्‍ध हो जाती है। आइये आज अमरकंटक की सैर करते है।

मध्‍प्रदेश में स्‍थित अमरकंटक शहर चारो और से घिरा है पहाड़ो से

आपको बता दे कि अमरकंटक मध्‍यप्रदेश राज्‍य के अनूपपुर जिले में आता है। यह पुष्‍पराजगढ़ तहसील की एक छोटी जगह है। यह जगह आस पास से विंध्‍याचल, मैकाल तथा सतपुड़ा की पहाडी से घिरा हुआ है।

इस जगह को नदियो का शहर कहते है। यह जगह समुद्र तल से पूरे 3600 फीट की हाइट पर है। इस शहर को तीर्थराज नाम से भी जाना जाता है। आइये जानते है, कि इस जगह पर आप किस प्रकार से पहुँच सकते है।

सभी साधनो से पहुँचा जा सकता है इस जगह पर

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ट्रेन द्वारा: आपको बता दे कि अमरकंटक ट्रेन, बस, हवाई जहाज तथा अपने खुद के किसी भी साधन द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। अगर आप यहां जाने के लिये ट्रेन को चूज करते है, तो यहॉं से सबसे पास पेन्‍ड्रा स्‍टेशन पड़ता है। यह स्‍टेशन अमरकंटक स्‍थान से पूरे 17 किलोमीटर के डिस्‍टेंस पर है।

फ्लाइट द्वारा: अगर आप अमरकंटक फ्लाइट से जाते है, तो यहा का सबसे निकटतम एयरपोर्ट आपको जबलपुर पड़ेगा। जबलपुर से अमरकंटक की दूरी पूरे 254 किलोमीटर है। जबलपुर ऐसी जगह है, जो कि बड़े शहरो से काफी अच्‍छे से कनेक्‍टेड है।

बायरोड द्वारा: अगर आप चाहते है कि अमरकंटक बाय रोड आप पहुँचे, तो आप खुद की गाड़ी से आसानी से वहॉं जा सकते है। क्‍योंकि इस जगह तक की रोड बहुत अच्‍छी है, तो यात्रा में किसी भी तरह की दिक्‍कत नही होती है।

अमरकंटक में है घूमने के लिये बहुत फैमस प्‍लेस

जब भी कभी आप कही जाते है तो आपके मन में यह सवाल होता है कि आखिर जिस जगह हम जा रहे है उस जगह पर कौन कौन से फैमस प्‍लेस है, जहॉं हम आसानी से घूम फिर सकते है। अमरकंटक ऐसी जगह है, जहॉं ठंड में जाना ही सबसे सही होता है। जनवरी माह यह जगह घूमने का सबसे सही मंथ माना जाता है।

इस जगह में ठहरने कि किसी भी प्रकार की दिक्‍कत नही होती है। यहॉं बहुत से होटल है। वही घूमने की जगह की बात करे तो यहॉं यहॉं नर्मदा कुंड, कलाचुरी काल मंदिर, कपिल धारा, दुग्‍ध धारा, सोनमुंग, कबीर कोठी आदि फैमस जगह है.

नर्मदा कुंड

यह अमरकंटक की सबसे अधिक ऐतिहासिक जगह मानी जाती है। इस जगह से ही नर्मदा नदी का उद्मग माना जाता है। इस परिसर में काफी मंदिर भी है। यहॉं पर राधाकृष्‍ण, शिव मंदिर तथा नर्मदा मंदिर है। इस जगह पर अपार शांति तथा सुकुन का अनुभव मिलता है। नर्मदा जयंती में इस जगह का माहोल ही अलग होता है।

कपिल धारा तथा दुग्‍धधारा

यह जगह धार्मिकता तथा प्राकृतिक सौन्‍दर्य से परिपूर्ण है। लेकिन सिर्फ मंदिर ही इसकी विशेषता नही है अमरकंटक में वॉटरफॉल भी मौजूद है। आपको बता दे कि अमकंटक में कपिल धारा वाटरफॉल है। जहॉं से 100 फीट की ऊँचाई से नर्मदा का पानी गिरता है।

वही इस जगह पर दुग्‍धधारा वाटरफॉल भी है, जोकि कपिलधारा से सिर्फ 1 किलोमीटर के डिस्‍टेंस पर है। इस जगह पर नर्मदा नदी की दूध के समान धारा बहती दिखती है। यह अमरकंटक की कुदरती खूबसूरती में से एक है। जब इन जगहों पर आप जाते है तो प्रकृति की सुन्‍दरता का एक अलग ही अनुभव आपको मिलता है।

कलाचुरी काल के मंदिर

अमरकंटक में प्रचीन मंदिर भी है। जोकि कलाचुरी काल के है। इस जगह पर पतालेश्‍वर महादेव मंदिर, कर्ण मंदिर, विष्‍णु, शिव तथा जोहिला मंदिर है। इन मंदिरो का निर्माण कहा जाता है कि 1042 से लेकर 1072 ईस्‍वी के समय हुआ। वही यहा के मंदिर में आर्किटेक्‍चर बहुत ही जबरदस्‍त है। जिसे देखकर आप भी मंत्रमुग्‍ध हो जायेंगे।

सोनमुंग

अमरकंटक में सोनमुरा नाम की भी एक जगह है कहते है इस जगह से सोन नदी का उद्गम हुआ है। सोन नदी को एक और नाम स्‍वर्ण नदी से लोग जानते है। कहते है कि इस नदी में सोने के कण पानी में मिलते है। प्रकृति के जो प्रेमी है, उसके लिये यह जगह स्‍वर्ग के समान है। इस जगह की खूबसूरती मन को मोह के लिये पर्याप्‍त है।

कबीर कोठी

कबीर कोठी एक ऐसी जगह है, जिसे साधु तथा महात्‍माओ की तपोस्‍थ्‍ली कहते है। इस जगह से कहते है कि कबीरदास जी ने अपने जीवन के बहुत से वर्ष गुजारे थे। इस जगह में जहॉं कबीर जी ने ध्‍यान किया था, उसे लोग कबीर कोठी नाम से पहचानते है। यहॉं जो चबूतरा है उसे कबीर चौरा कहते है।

इसी के पास में माई की बगिया के नाम से भी एक जगह है। कहते है माई की बगिया वह जगह है जहॉं नर्मदा जी खेला करती थी। अमरकंटक में इन सब के अलावा यात्रा मंदिर, भृगु कमंडल, मृत्‍युंजय आश्रम तथा जलेश्‍वर महादेवा मंदिर यहाँ भी जा सकते है।

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